कर कोशिश निरंतर फिर, पाने को तू मीत.../ दोहा युग्म


दोहा युग्म : 
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कर कोशिश निरंतर फिर,पाने को तू मीत।
अगर लिखेगा इश्क़ को, बन  जाएंगे गीत।१।

बन   जाएंगे  गीत  तो,  बह  जाएंगे  भाव।
मीत तुझे अगर न मिली, बन  जाएंगे घाव।२। 
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~ वैधविक

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