कुंडलिया छंद :
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मीरा पूजे कृष्ण को, की है भक्ति महान।
चकित हुआ संसार है, भक्ति प्रेम को जान।।
भक्ति प्रेम को जान, राधा श्याम को जाना।
हर गए सब विकार, जब से भक्ति पहचाना।।
करें भक्ति आपार, होती दूर है पीरा।
कलयुग है ये घोर, बन न पाओगे मीरा।।
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~ वैधविक
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