बारिश जब भी हो यहां, पा लूं तेरा साथ.../ कुंडलिया छंद


कुंडलिया छंद
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बारिश जब भी हो यहां, पा लूं तेरा साथ।
नहीं खबर मैं कौन हूं, चाहूं तेरा हाथ।।
चाहूं तेरा हाथ, यही है सपना आता।
रहो हमेशा साथ, बने फिर ऐसा नाता।।
कर लूं तुझसे प्यार, रही बस यही गुजारिश।
आ जाएं तू पास, तभी हो फिर से बारिश।।
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~ वैधविक

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