सभी वरिष्ठ एवम् बुजुर्गो को सादर नमन, सभी रीति रिवाजे , सभ्यता, समाज सिर्फ आप लोगो की वजह से ही अगली पीढ़ी तक पहुंच पाते है।
दोहा छंद
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स्थान मनोहर है वहीं, जब हों बुजुर्ग साथ।
पुत्र पौत्र भी खुश रहें, सर पर जब हो हाथ।।
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~ वैधविक
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