मुख्यपृष्ठछंद कहां राहें कहां मंजिल नहीं अब याद है कुछ भी.../ मुक्तक (विधाता छंद) Admin सोमवार, अक्तूबर 04, 2021 0 टिप्पणियाँ मुक्तक (विधाता छंद)मापनी : १२२२ १२२२ १२२२ १२२२
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