समुद्र-मंन्थन के समय,अमृत कुभ के साथ.../ दोहा युग्म


 दोहा छंद : 

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समुद्र-मंन्थन के समय,अमृत कुभ के साथ। 
कार्तिक माह त्रयोदशी, प्रकट हुए धन नाथ।।

आयुर्वेद   जनक  बने,  धन्वन्तरि   भगवान। 
बना  कार्तिक माह सदा, धनतेरस की शान।।
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आप सभी को धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं 

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