दोहा छंद :
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समुद्र-मंन्थन के समय,अमृत कुभ के साथ।
कार्तिक माह त्रयोदशी, प्रकट हुए धन नाथ।।
आयुर्वेद जनक बने, धन्वन्तरि भगवान।
बना कार्तिक माह सदा, धनतेरस की शान।।
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आप सभी को धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं
~ वैधविक
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