मुख्यपृष्ठछंदमुक्त इश्क़ के दौर में सब मुकाम खो दिए.../मुक्तक (छंदमुक्त) Admin गुरुवार, जनवरी 20, 2022 0 टिप्पणियाँ मुक्तक (छंदमुक्त) : ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~इश्क़ के दौर में सब मुकाम खो दिए।नज़र मिलाने पर सब काम खो दिए।उसकी आवाज में ही जादू था शायद-बस सुनने के लिए सब आराम खो दिए।।~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ वैधविक
एक टिप्पणी भेजें