इश्क़ के दौर में सब मुकाम खो दिए.../मुक्तक (छंदमुक्त)



मुक्तक (छंदमुक्त) : 

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इश्क़ के  दौर में  सब  मुकाम  खो दिए।
नज़र  मिलाने पर  सब  काम  खो दिए।
उसकी  आवाज में  ही जादू  था शायद-
बस सुनने के लिए सब आराम खो दिए।।
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~ वैधविक

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